Tuesday, 18 December 2018

रातों रात गायब हुआ एक गाँव- कुलधरा

दोस्तों आप तो जानते ही है कि हमारे देश में कितने ही ऐसे अनसुलझे रहस्य है जिसका पता आजतक नही लग पाया है, और राजस्थान को तो रहस्यों का शहर कहा जाता है। ना जाने कितने रहस्य छिपे है राजस्थान में, तो आज हम राजस्थान के जैसलमेर जिले में स्थित ऐसे ही एक गाँव के बारे में बात करने जा रहे हैं जो किसी जमाने में हँसता खेलता, लोगों की चहल पहल से भरा हुआ था पर किसी घटना की वजह से एक ही रात में वीरान हो गया। ऐसा माना जाता है कि एक श्राप के कारण वह गाँव आजतक वीरान है । तो आइये जानते है इसके पीछे की कहानी।

   राजस्थान के जैसलमेर जिले में स्थित एक गाँव है जिसका नाम है कुलधर। वह गाँव पिछले लगभग 190 वर्षों से वीरान है, और एक श्राप की वजह से वो गाँव एक बार खाली होने के बाद दुबारा कभी भी बस नही पाया। ऐसा कहा जाता है कि उस गाँव को पालीवाल ब्राह्मणों ने बसाया था तथा वो इतने मेहनती थे कि राजस्थान जैसे जगह में भी पालीवाल ब्राह्मण लोग जीवन यापन के लिए खेती और मवेशी पालन पर आश्रित थे। वैज्ञानिक बताते है कि उस गांव का हर एक घर एक वैज्ञानिक तरीके से बना है, खिड़की और दरवाजों की दिशा इस प्रकार से बनी है कि बहुत ही आसानी से हवा घर में आ जाती है, बाहर बहुत गर्मी होने के बावजूद भी घर में ज्यादा गर्मी का अहसास नही होता है। इतने मेहनती और जानकार लोग होते हुए भी ये गाँव आज खंडहर बनके रह गया, और इसका मुख्य कारण था गाँव के दीवान सालम सिंह की गंदी नज़र, जो गांव की एक सुंदर लड़की पर आ गयी, और वो उस लड़की को पाने की हर संभव कोशिश करने लगा, जब सारी कोशिशें नाकाम हो गयी तब उसने गाँव वालों को धमकी दी कि या तो वो लोग पूर्णिमा तक उस लड़की को स्वयं दीवान को सौप दे या फिर दीवान उसे उठा के ले जाएगा।
गाँव वालों को वो गाँव छोड़ना मंजूर था पर उस दीवान की बात बिल्कुल भी मंजूर नही थी, अतः इंसानियत और एकता का परिचय देते हुए सभी गाँव वाले एक स्त्री की रक्षा करने के लिए, एक साथ रातों रात वो गाँव खाली करने का निर्णय लिये और जाते जाते उस गाँव को श्राप भी दिया कि वो गाँव अब कभी भी नही बस पायेगा और ऐसा ही हुआ, वो गांव आज भी सुनसान वीरान है। ऐसा माना जाता है कि जब भी किसी ने वहाँ पर घर बसाने की या रात बिताने की कोशिश की है वो या तो गायब हो गया, या फिर उसकी मृत्यु हो गयी।
अब वो एक पर्यटन स्थल बन गया है लेकिन वो भी बस दिन के समय के लिए।
आज भी जब पर्यटक वहाँ घूमने जाते हैं तो उन्हें वहाँ किसी के होने का आभास होता है, औरतों के बात करने की आवाज़, पायलों की आवाज़, आस-पास किसी के चलने का अहसास इत्यादि महसूस किए जाते है, ऐसा भी कहा जाता है कि वहाँ भूतों का वास है इसलिए वहाँ शाम के बाद किसी का भी आना या रुकना मना होता है। उस गाँव के बाहर एक गेट बना है जिसके अंदर शाम के बाद जाना मना है।

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